Friday, May 15, 2009

आ गया निर्णय का दिन


तो आ ही गया निर्णय का दिन  
देखें कौन रहता है किसके बिन |
कैसा रहेगा इस बार का जनादेश  
सबको हैं त्रिशंकू संसद के अंदेश | 

दूरदर्शन हो या आकाशवाणी 
सब पे हैं मनमोहन - आडवाणी | 
देखते हैं हाथी किस करवट बैठता है  
कौन कितना मुलायम है और कौन ऐंठता है ?  

क्या अम्मा की ममता इस बार रंग लाएगी? 
या फिर जनता करुणा के सागर में बह जायेगी?
कौन होगा इस सरकारी बागीचे का बागबान ?
कोई कहता है नीतीश तो कोई कहता है पासवान |

किसके बांये खड़ा होगा बाम दल ? 
ये तो बताएँगे आनेवाले पल | 
क्या इस बार लालू रबरी खायेंगे ? 
या फिर चंद सीटों में ही सीमट जायेंगे ?

अब शुरू होगी जोड़ - तोड़ की राजनीति  
किसके कितने हैं नंबर किसकी कैसी है स्थिति ? 
निर्दलीय अपना दल चुनेंगे 
धीरे-धीरे उनके भाव खुलेंगे |

272 का आँकड़ा वाकई जादुई है  
जानते हैं सब जिसने भी छुई है | 
सोनिया या मोदी किसकी बजेगी बीन ?
आखिर आ ही गया निर्णय का दिन |

2 comments:

  1. A good one indeed. With my limited grip over hindi I was atleast able to read and enjoy the rhyme..

    रवि बाई आपकी शायरी
    लगता है बहुत प्यारी

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